120 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन अकबरपुर से टांडा रूट पर।

टांडा से अकबरपुर रूट पर दो दशक पूर्व यात्री ट्रेनों का संचालन घाटा होने के कारण रेलवे ने बंद कर दिया था। तब से इस रूट पर केवल मालगाड़ी ही एनटीपीसी तक कोयला लेकर आती-जाती है। लखनऊ से वाराणसी रेल खंड के दोहरीकरण के साथ ही कायाकल्प पर 225 करोड़ रुपये से अधिक की रकम रेलवे खर्च कर चुका है। इस रकम से अकबरपुर जंक्शन पर बहुमंजिला भवन का निर्माण कराने के साथ ही प्लेटफार्म नंबर एक को चौड़ा कर पटरियों की संख्या को भी बढ़ाया गया। साथ ही कटेहरी और मालीपुर स्टेशन का कायाकल्प भी कराया जा रहा है। लखनऊ से अकबरपुर तक दोहरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है।
इसके बाद अब रेलवे ने यात्रियों को समय से गंतव्य तक पहुंचाने के लिए ट्रेनों की गति बढ़ाने पर जोर दिया है। कुछ माह पूर्व अयोध्या से अकबरपुर के बीच विशेष ट्रेन से ट्रैक की जांच हुई थी। अब टांडा रूट पर मालगाड़ी की गति बढ़ाने पर जोर दिया गया है। वर्तमान में टांडा रूट पर 50 किलोमीटर प्रतिघंटे से ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। एनटीपीसी को समय पर कोयले की आपूर्ति करने में रेलवे की स्पीड रोड़ा बनी है। खपत के अनुरूप समय पर कोयले की आपूर्ति रेलवे अक्सर नहीं कर पाता है। ऐसे में ट्रेनोंं की गति को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
शुक्रवार को दिल्ली से आए इंजन व कोच के जरिए 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार का ट्रायल पूरा किया गया। इससे अब इस रूट पर आने वाले दिनों में यात्री ट्रेनों के संचालन की उम्मीद बढ़ गई है। दरअसल टांडा नगर वस्त्र उद्योग के लिए पहचाना जाता है। यहां दूर-दराज के प्रदेशों व यूपी के अन्य शहरों से व्यापारी आते हैं। ऐसे में टांडा से अकबरपुर होकर लखनऊ, कानपुर होते हुए दिल्ली तक ट्रेन के संचालन की मांग लंबे समय से की जा रही है। एक जनपद एक उत्पाद योजना में यह जिला वस्त्र उद्योग के लिए चयनित भी हुआ है। ऐसे में कपड़ा व्यापारियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए इस रूट पर यात्री ट्रेनों का संचालन भी जल्द देखने को मिल सकता है।
अवैध क्रॉसिंग ट्रेन की गति बढ़ाने में रोड़ा
अकबरपुर स्टेशन से टांडा स्टेशन के बीच एक दर्जन से अधिक मानवरहित क्रॉसिंग हैं। इनमें से एक तिहाई स्थानों पर लोग मनमाने तरीके से पटरियों को पार कर आवागमन करते हैं। आए दिन रेलवे इन अवैध क्रॉसिंग को पत्थर व ट्रैक के दोनों तरफ गड्ढे खोदकर बंद कर देता है, लेकिन उसे मनमाने तरीके से खोल लिया जाता है। रेलवे अधिकारियों की माने तो इन अवैध रास्तों को पूरी तरह से बंद नहीं किया गया तो मालगाड़ी की गति नहीं बढ़ाई जा सकेगी।
सफल ट्रायल किया गया
टांडा रूट पर ट्रेन के 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने का सफल ट्रायल पूरा हुआ है। इसका लाभ निश्चित रूप से आने वाले दिनों में मिलेगा। -विनोद कुमार, स्टेशन अधीक्षक