Ahmedabadसोशल मीडिया

सोशल मीडिया का बच्चों के मस्तिष्क पर कितना गलत प्रभाव पड़ता है ऐसा ही एक किस्सा अहमदाबाद से सामने आया।।

अहमदाबाद शहर के पुलिस आयुक्त ज्ञानेंद्र सिंह मलिक, सेक्टर-2, संयुक्त पुलिस आयुक्त जयपालसिंह राठौड़ और उप पुलिस आयुक्त जोन-6 रवि मोहन सैनी ने आम लोगों के मन में पुलिस की अच्छी छाप छोड़ी है और आदर्श वाक्य बनाया है। पुलिस जनता की मित्र है सार्थक सभी पुलिस पदाधिकारियों को जनहित एवं जनहित में कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.

 

आज के समय में सोशल मीडिया के अंधाधुंध इस्तेमाल से बच्चों पर कितना बुरा प्रभाव पड़ता है और छोटे बच्चों के पिता अपने बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने को लेकर कितना कड़वा महसूस करते हैं..!! ऐसा ही एक मामला आया सामने

 

अहमदाबाद शहर के जीआईडीसी थाना क्षेत्र के जसोदानगर में रहने वाले शिकायतकर्ता की 14 वर्षीय बेटी काजल (बदला हुआ नाम) कक्षा 8 में पढ़ती है, स्कूल जाने के बाद वापस नहीं लौटी, जीआईडीसी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट की गई, अपहरण का मामला अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसकी जांच पीआई आरएम परमार और जीआईडीसी पुलिस स्टेशन के कर्मचारियों द्वारा की गई थी।

जे डिविजन के एसीपी प्रदीपसिंह जाडेजा, जीआईडीसी थाने के पीआई आरएम परमार और पीएसआई जेजी जाडेजा के मार्गदर्शन में स्टाफ के एएसआई अश्विन सिंह, पीओ कंपनी. शी टीम के परबतसिंह, विजयसिंह, मनीषकुमार, जयंतीभाई, महिला पो.को. मायाबेन सहित स्टाफ की एक पुलिस टीम द्वारा नाबालिग बेटी काजल के संबंध में सीसीटीवी और तकनीकी स्रोतों के आधार पर गहन जांच की गई, कुछ ही दिनों में काजल एक सत्रह वर्षीय नाबालिग लड़के किशोर के साथ ( (नाम बदला हुआ) दासकोई तालुक के एक छोटे से गाँव से पकड़े गए। जांच के दौरान काजल और किशोर से पूछताछ की गई, चार-पांच महीने पहले काजल द्वार ने किशोर के इंस्टाग्राम पर हाय मैसेज पोस्ट किया था और तभी से दोनों इंस्टाग्राम के सोशल मीडिया के जरिए जुड़े हुए थे. फोटो भेजे और हर दिन और कल बात करने लगे. 23 दिसंबर, 2024 को काजल, जो 8वीं कक्षा में पढ़ रही थी, वाडी इलाके में घूम रही थी, जहां से वह उसे मोटरसाइकिल पर लेने आया था, जबकि उसने अपने दोस्त के साथ काजल को कभी देखा या मिला नहीं था और उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस भी यह कबूल कर हैरान रह गई कि कम उम्र में प्यार में अंधे हो चुके काजल और किशोर को जीआईडीसी पुलिस की शी टीम ने सोशल मीडिया के जरिए उनके घर से पकड़ा था। सदस्यों की मौजूदगी में काउंसलिंग की गई, फिलहाल पढ़ाई पर ध्यान देने की सलाह दी गई और समझाया गया. और उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है और किशोर और उसके दोस्त जिन्होंने उसकी मदद की थी, उन्हें अदालत के हवाले किया गया । परिवार ने पुलिस को धन्यवाद दिया.

 

संयुक्त पुलिस आयुक्त जयपालसिंह राठौड़ एवं पुलिस उपायुक्त रवि मोहन सैनी के मार्गदर्शन में जीआईडीसी पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से भटकी नाबालिग बेटी काजल को सही दिशा दिखाई, मार्गदर्शन दिया, सेवा कार्य कर सेवा का दायित्व निभाया सुरक्षा के साथ अहमदाबाद सिटी पुलिस ने ‘प्रजनी मित्र’ के नारे को साकार किया.

 

सोशल मीडिया के प्रयोग से बच्चों के  मन पर कितना गलत प्रभाव पड़ता नहीं है .!! ये मामले आधुनिक युग में माता-पिता और बच्चों के लिए खतरे की घंटी साबित हुए हैं और माता-पिता और बच्चों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत है।

रिपोर्ट:- केयूर ठक्कर (अहमदाबाद)

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